30.खाता (Ledger या Account)
जब किसी व्यक्ति विशेष, वस्तु, सेवा, या आय-व्यय, इत्यादि से सम्बंधित समस्त लेन-देन एक निश्चित स्थान पर तिथिवार और नियमानुसार रखे जाते है तो उसे उसका खाता (Account) कहते है |
किसी भी खाते के दो पक्ष होते है -
1.Debit Side (नाम पक्ष)
2.Credit Side (जमा पक्ष)
Debit Side बांयी तरफ होता है और Credit साइड दांयी तरफ होता है |
खातों का वर्गीकरण (Classification of Computer)
खाते तीन प्रकार के होते है-
1.व्यक्तिगत खाता(Personal Account) - ऐसे खाते जिनका सम्बन्ध किसी व्यक्ति, या संस्था से होता है उसे हम व्यक्तिगत खाता कहते है | जैसे- राम, श्याम, अनिल, आशा ट्रेडर्स, abc कंपनी, any बैंक, कैपिटल, ड्राइंग, इत्यादि |
2.वास्तिविक खाता (Real Account) - ऐसे खाते जिनका सम्बन्ध किसी वस्तु या संपत्ति से होता है उसे हम वास्तविक खाता कहते है | जैसे- cash, गुड्स, स्टेशनरी, लैंड, फर्नीचर, बिल्डिंग, मशीन, कंप्यूटर इत्यादि |
3.नाममात्र खाता (Nominal Account) - ऐसे खाते जिनका सम्बन्ध इनकम, एक्स्पेंसेस, प्रॉफिट और लॉस से होता है उसे नॉमिनल अकाउंट कहते है | जैसे- परचेज, सेल्स, इंटरेस्ट, डिस्काउंट, कमीशन, सैलरी, डेप्रिसिएशन, एडवरटइजमेंट, इत्यादि |
डेबिट और क्रेडिट के नियम (Rules of Debit & Credit)
जब कोई Transaction होता है तो सबसे पहले देखा जाता है की Transaction में प्रभावित होने वाले दोनों खाते (Account) कौन से है और किस प्रकार के है और फिर कुछ नियमों के अनुसार, जिन्हें गोल्डन रूल्स ऑफ़ अकाउंट कहते है, किस खाते को डेबिट और किस खाते को क्रेडिट करते है यह निर्णय करना होता है |
खातों के लिखने के नियम (Golden Rules of Accounting)
1.व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
2.वास्तविक खाता (Real Account)
3.नाममात्र खाता (Nominal Account)
1.व्यक्तिगत खाता का नियम (Rules for Personal Account)-
- पाने वाले को डेबिट करो | (Debit the Receiver)
- देने वाले को क्रेडिट करो | (Credit the Giver)
- जो वस्तु व्यापार में आए, उसे डेबिट करो | (Debit what comes in)
- जो वस्तु व्यापार से जाए, उसे क्रेडिट करो | (Credit what goes out)
- सभी खर्च एवं हानियों को डेबिट करो | (Debit all expenses and losses)
- सभी आय और लाभों को क्रेडिट करो | (Credit all income and gains)
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